सबके दुख तुम हरने वाली
लेखन से तूं राह दिखाकर
जग में नव इतिहास रचा तूं
जग में जो फैला कोरोना
इसको मात मिटा दो जग से
कर्म धर्म व स्वविवेक से जन
जन को तूं राह दिखा माँ
साहित्य से जग परिवर्तन कर
भूले पथिक को राह दिखा माँ
माँ की कृपा रहे हम सब पर
जीवन में नित ज्ञान भरे हम
जुगल किशोर पुरोहित बीकानेर राजस्थान
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