कल्पना गुप्ता/ रतन जी द्वारा अद्वितीय रचना#

दस्तक
2021 में सुनाई दी दस्तक
शमशान घाट में फिर से आई बहार
कौन है बना इसका आधार
क्या है इस रोग का कारण
छोटा सा बच्चा था वह
बढ़ा हुआ,अब  दिखाकर आंखें
है कह रहा खबरदार
नींव मेरी है इतनी गहरी
लाख बनो तुम पहरेदार
मैं दीमक की तरह हूं फैल चुका
एक से दस,दस से सौ हज़ार
हु मैं भ्रष्टाचार
ना  कोई इलाज इसका
    सब बीमार।

कल्पना गुप्ता/ रतन

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