शोभा किरण जी# खट्टी मीठी यादे#

खट्टी मीठी यादें(2020)
ऐ  साल  तेरे  जाने  का, कोई गम नहीं है ।
तूने  दर्द  भी  तो  दिए , कुछ कम नहीं है । 

यूँ   तो   साल आये कई , गए  भी बहुत  है।
मगर यादों में ऐसे दहशत का,मौसम नहीं है।

सुख दुःख तो चक्र ही है, चलता  ही रहेगा।
पर बीस(20) तेरे जैसा कोई बेरहम नहीं है।

जनवरी से दिसम्बर तक मुँह छुपाये फिरे हैं।
हम शरमाते रहे, तुमसा कोई बेशरम नहीं है।

दे देता  थोड़ी खुशियां जाते जाते ही सही।
फटेहाल भी  तो इतना तेरा दामन  नहीं है।

ऐ  बीस  तेरी  टीस  भूल  जायें  तो  कैसे!
कहे    भी    तो कैसे? आंख , नम नहीं है।

अकेला   कर  दिया,   टूटे  रिश्ते  नाते  सब।
करना 21  से वफ़ा ,वो तेरी सौतन नहीं है।

इठला न तूं इतना,कि, राज दुनिया पर किया।
रात   काली  अमावस तू ,कोई पूनम नहीं है।

जाने  का  तेरा  दुनिया  इंतज़ार  कर  रही ।
फहराया   तूने  ऐसा  कोई  परचम नहीं  है।

खट्टा  नहीं  मीठा  नहीं , तू  कड़वी  घूंट है।
खिलते हैं जहां फूल,तू वो गुलशन नहीं है।

आएगा  नया  साल  ,नई *किरण* के साथ।
तू एक साल ही तो है, पूरा *जीवन* नहीं है।

शोभा किरण
जमशेदपुर
झारखंड

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