कल्पना भदौरिया "स्वप्निल " जी द्वारा अद्वितीय रचना# नया साल नए संकल्प#

नमन बदलाव मंच
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प्रतियोगिता हेतु स्वरचित रचना 
विधा -पद्य
विषय -नया साल नये संकल्प
शीर्षक -खट्टी मीठी यादें  
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पल जो गया उसे भूल न् जाना है
जीवन में खट्टी मीठी यादों को  
संजोना है
जीवन में ____________

किसी नेदिल तोड़ा 
किसी ने मना लिया
कड़वे शब्द चुभे ऐसे
मीठी यादों ने हँसा दिया
मीठी यादों से मीठी वाणी को
संजोना है
जीवन ____________

छेड़ा उसे हमने, पीड़ा
से प्रकति चिल्लायी
तब उपहार कोरोना ने
धैर्य भक्ति सिखलाई
सात्विक इन भावों से
वृक्ष भंडार कराना है
संजोना है
जीवन -------------
पैसे कमाने की धुन में
खुद को बिसरा हमने दिया
काम ही लक्ष्य जीवन का
संस्कार भुला हमने दिया
परिवार अमूल्य निधि है
ये सबको बताना है
संजोना है
जीवन ---------====

आया नूतन वर्ष, गले
हम उसे लगाए
खट्टी यादें भुलाकर
मीठी उसे सुनाएं
आचार विचार आहार
का संयम समझाना है
संजोना है
जीवन ________

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कल्पना भदौरिया "स्वप्निल "उत्तरप्रदेश

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