डॉ. राजेश कुमार जैन जी द्वारा अद्वितीय रचना#साहित्य साधना#

सादर समीक्षार्थ

दिनाँक -  0 1. 01 . 2021 
विषय - साहित्य साधना मेंउत्कर्ष 
प्रतिदिन लाएगा नूतन वर्ष..।

साहित्य साधना में उत्कर्ष
प्रतिदिन लाएगा नूतन वर्ष
वक्त का पहिया हर पल चलता
कभी नहीं है यह तो रुकता..।।

 पल पल ही समय बदलता जाता
हर पल नया इतिहास है रचता
यदि अंधेरी ये रात है काली
सवेरा रौशन जग को कर देगा..।।

घड़ी समय की कभी न रूकती
टिक टिक कर यह तो चलती जाती
पता न चलता वक्त कब गुजरा
दो मिनट में ही साल गुजर जाता..।।

सभी नव वर्ष का स्वागत करते 
नाचते गाते मौज हैं मनाते
शीतलहर को दूर है भगाया
डी.जे.पर खूब हुड़दंग मचाया ..।।

नववर्ष का अभिनंदन सब करते
श्री प्रभु से यही प्रार्थना करते
नव वर्ष सबकी खुशहाली लाए
किसी को भी न कोई गम सताए ..।।

डॉ. राजेश कुमार जैन
 श्रीनगर गढ़वाल
 उत्तराखंड

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ