स्वप्निल जैन(छिन्दवाड़ा) जी द्वारा खूबसूरत रचना#

अ.रा.ब.मं को नमन।
शीर्षक: युवा देशभक्त।
दिनांक: 28/01/2021
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लहू वीर का मिट्टी में जब मिलता है
तब भारत माँ की आंखों से अश्रु बहता है।

भारत का हर युवा इस धरती को माता मान रहा
माँ की आंखों में अश्रु धारा देख 
सबके सीनों में लहू उबाल रहा।

हिन्दुस्तान की पावन धरती पर 
जो आंख दिखलायेगा
चाहे वो चीन या पाकिस्तान कहायेगा।
याद दिलादू लहू गर्म हैं
भारत का हर युवा 
तुम्हारे घर में घुसकर
नानी याद दिलायेगा।

भारत माँ ने संस्कार दिये
शीश ये हर दम झुकता है
भारत से संस्कार मिला है
हर युवा संस्कृति का सम्मान रखता है

पर याद दिलादू
उंगली जो उठे मात पर
रहा ना हमसे जाएगा
उसी दिन शीश काट कर
हाथ में रख दिया जायेगा
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स्वरचित एवं मौलिक रचना:
स्वप्निल जैन(छिन्दवाड़ा)

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