डॉ. राजेश कुमार जैन जी द्वारा खूबसूरत रचना#

सादर समीक्षार्थ
 विषय -    सुभाष चंद्र बोस
 विधा    -      कविता 



हे  महानायक तुम्हें नमन  है
शुभाष तुम्हें सर्वस्व अर्पण है
तुम धुन के तो अपनी पक्के थे 
साहस के भी दिव्य पुंज थे..।।

अद्भ्य जोश भरा था तुम में
सिंह से  तुम्हीं दहाड़ते थे 
तुम ही तो एक सच्चे नायक थे 
भारत माता के भी प्यारे थे..।।

 आजादी के तुम मतवाले थे
 देश प्रेम की भी प्रतिमूर्ति थे
 माँ भारती याद तुम्हें करती
 हर दिल में छवि तुम्हारी बसती..।।

 निडर- निर्भीक ही रहे सदा तुम 
हिटलर ने तुमको मान दिया था 
तुम्हारा ही गुणगान किया था
 आजादी का जयघोष किया था..।।

हे महानायक तुम्हें नमन है ।
 शत शत वंदन है अभिनंदनहै।।


 डॉ. राजेश कुमार जैन
 श्रीनगर गढ़वाल 
उत्तराखंड

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