वीना आडवानी जी द्वारा अद्वितीय रचना#डूबते को थाह मिलना#

डूबते को थाह मिलना
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कहते सभी विदुर /विधवा से  भूल जाओ जाने वालों को।।
पर कहां भूल पाता कोई भी
अपने सगे चाहने वालो को।।

सोचते सब कैसे ये भारी
जिंदगी अकेले काट पाऐंगे।
तभी सभी बड़ो की राय 
मिलती इनकी शादी फिर रचाऐंगे।।

ऐसे मे फिर दो जिंदगी मिल
सुख दुख अपना बांट जाऐंगे।
इस तरह एकदूजे का डूबे को
 सहारा देकर जख़्म सिल पाऐंगे।।

खुशी आऐगी फिर से इनकी 
जिंदगी मे ये बहार बन एकदूजे
को फिर से महकाऐंगे।।2।।

वीना आडवानी
नागपुर, महाराष्ट्र
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