चंचल हरेंद्र वशिष्ट जी द्वारा अद्वितीय रचना#

"2021"
चलो मनाएँ नववर्ष
सभी के संग सहर्ष
नव उमंग,तरंग लिए
जीवन में हो उत्कर्ष

ख़त्म हो अब संघर्ष
सबके मन में हो हर्ष
स्थापित करें अभी
नव जीवन आदर्श

जानो तभी नववर्ष
सब मिलें जो सहर्ष
ईर्ष्या,द्वेष सब मिटे 
बढ़े मान और यश

बैर और अपकर्ष
रहेंगे नहीं इस वर्ष
आस और विश्वास
जीतेंगे इस बरस

चलो मनाएँ नववर्ष!
चलो मनाएँ नववर्ष!

नववर्ष की मंगलकामनाएँ

चंचल हरेंद्र वशिष्ट

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ