पावन पर्व- होली' पर कविता#डॉ. रेखा मंडलोई ' गंगा ' जी द्वारा#

राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच को नमन  के साथ होली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।दिनांक 28.03.21
विषय होली पर्व - 
 'पावन पर्व- होली'
फाल्गुन का सुहाना महीना आया,
रंग गुलाल का त्योहार संग लाया।
भक्त प्रहलाद का स्मरण हो आया,
होलिका को भी कोई भूल न पाया।
शीत ऋतु को अब सबने भुलाया,
ग्रीष्म की तपन का पैग़ाम लाया।
उष्ण किरणों की लालिमा संग लाया,
रंग,गुलाल संग जग में हर्ष समाया।
होली का पावन पर्व देखो आया,
खुशियों की बौछारें संग भर लाया।
सबने मिलकर हुड़दंग खूब मचाया,
मस्ती भरे भाव संग सबको नाचते पाया।
शिकवा शिकायत को दूर भगाया,
गले मिल सबने सदभाव जताया।
हर्षोल्लास का पावन पर्व है आया,
सबके मन का मैल मिटाया।
कोई रंग नीला पीला भर लाया,
कोई अपने संग पिचकारी लाया।
सबको मजा यहां जी भर आया,
स्वादिष्ट व्यंजनों संग पर्व मनाया।
होलिका दहन का पावन पर्व आया,
अवगुणों को सबने होली में जलाया।
परीक्षा का मौसम अपने संग ले आया,
अथक परिश्रम का सबको पाठ पढ़ाया।
सामाजिक विषमता को दूर करने आया,
समरसता की भावना संग भर लाया।
होली का पावन पर्व ऐसा आया,
खुशियों की बौछारें संग भर लाया।
फाल्गुन का सुहाना महीना है आया,
रंग गुलाल का त्योहार संग ले आया।
डॉ. रेखा मंडलोई ' गंगा ' इन्दौर

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