सादर समीक्षार्थ
विषय - योग और आध्यात्मिकता
विधा - कविता
आओ हम सब भी, योग करें
अपनी चिकित्सा,भी स्वयँ करें
रोगों को समूल, नष्ट करें
मन के सभी भ्रम , दूर करें..।।
आओ हम सब थी,योग करें
इससे आध्यात्म के,द्वार खुलें
मन भी सदा ही , प्रसन्न रहें
मन के विकार , सब दूर करें..।।
आओ हम सब,भी योग करें
सकारात्मक जीवन,शैली चुनें
रोग प्रतिरोधक,क्षमता बढ़ाएं
सभी स्वयँ को,अनुशासित करें ..।।
आओ हम सब भी,योग करें
सभी आध्यात्म,की ओर बढ़ें
नैतिक मूल्यों का, मान करें
अरु उन्नति की,राह पर चलें..।।
आओ हम सब भी,योग करें
गुणी जन के , पदचिन्ह चलें
दया-धर्म के सब द्वार,भी खुलें
सुख-चैन शांति,से जीवन जिएं..।।
आओ हम सब भी,योग करें
चित की शुद्धता,का ध्यान करें
यम नियम ध्यान,समाधि मिलाकर
आध्यात्मिकता की , ओर बढ़ें..।।
आओ हम सब भी,योग करें..
आओ हम सब भी,योग करें.. ..
डॉ. राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड
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