कवि निर्मल जैन 'नीर' जी द्वारा विषय मुसीबत के वक्त पर खूबसूरत रचना#

मुसीबत के वक्त...
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निर्मल 'नीर'~
मुसीबत के वक्त
धरना धीर
नैनों में 'नीर'~
विपरीत हालात
न हो अधीर
निर्मल तन~
मुख मधु मुस्कान
निःश्छल मन
न बहे 'नीर'~
जब हो कोई दुःखी
समझो पीर
मन हो चंगा~
हर घर बहती
निर्मल गंगा
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निर्मल जैन 'नीर'
ऋषभदेव/उदयपुर
राजस्थान

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