*तिरंगा अमर रहे*
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आन-बान-शान निराली,
संस्कृतियों का सम्मान रहे।
खुशियों की बरखा बरसे,
अपना तिरंगा अमर रहे।।
वीरों की शोभा न्यारी,
हर मौसम में डटे रहे।
मन में एक ही अभिलाषा,
अपना तिरंगा अमर रहे।।
घर-घर में खुशियाँ महके,
सत्कर्मों का भी साथ रहे।
अब तो बस यही कामना,
अपना तिरंगा अमर रहे।।
भारत मां अन्न खिलाती,
धरा पुत्र का सम्मान रहे।
सब मिलकर करें आरती,
अपना तिरंगा अमर रहे।।
©®
रामबाबू शर्मा, राजस्थानी,दौसा(राज.)
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