डॉ सत्यम भास्कर भ्रमरपुरिया जी द्वारा खूबसूरत रचना#आओ तुम्हे सजा दू#

*आओ तुम्हें सजा दूं*
आओ गोरी कलाई में कंगना सजा दूं, 
सूखी पतझड़ में फिर से बहार लगा दूं,
प्यार को जो तरस गई है नैना, 
उसको मैं नैनीताल बना दूं, 

अंबर अपना बना स्वयंवर, तुमको ये बतला दूं, 
प्रीत की लत अब मुझमें समाई, 
तुझको ये गीत सुना दूं, 
आओ कर लें अपना मिलन, सावन को आग लगा दूं, 

प्यार की बात कहे तोये भास्कर, सबको ये बतला दूं, 
गोरी तेरे पैरों में पायलिया मैं पहना दूं, 
हरा भरा है प्यार अपना, तो सावन को ये बतला दूं, 
अपनी सुंदरता पर न अकड़ना, तुझको ठेंगा दिखला दूं, 

गुमान न करना तुम ऐ सावन, आईना तुझे दिखा दूं, 
हे प्रेयसी, गर तुम जो कहो तो, सावन को आग लगा दूं, 
तुमहीं तो हो मौसम, प्यार, बहार, तुमको आज सजा दूं,

प्रियतमा तुमको दुल्हन आज बना दूं, 
गोरी कलाई में कंगना आज सजा दूं.

डॉ सत्यम भास्कर भ्रमरपुरिया

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ