प्रो डॉ दिवाकर दिनेश गौड़ जी द्वारा विषय पुष्प पर अद्वितीय रचना#

कविता शीर्षक- पुष्प
फूलों की घाटी में आशियाना हमारा है
फूलों की सुन्दरता का दीवाना जगत सारा है
पुष्पों की पवित्रता का कद्रदान जगत प्यारा है
फूलों की सुन्दरता का दीवाना जगत सारा है।

        कभी पुष्प महकते हैं
        कभी पुष्प सिसकते हैं
       होठों पर जो बैठ जाएं
        तो पुष्प दहकते हैं
पुष्पों की कोमलता का अहसास दुलारा है
फूलों की सुन्दरता का दीवाना जगत सारा है।

       पुष्पों में है नजाकत
       पुष्पों में है नजाफत
      फूलों संग कांटे भी रहते
      जिंदगी की यही हकीकत
पुष्पों सम सम्मानित जीवन सपना हमारा है
फूलों की सुन्दरता का दीवाना जगत सारा है।
पुष्पों की पवित्रता का कद्रदान जगत सारा है
फूलों की सुन्दरता का दीवाना जगत सारा है।

रचनाकार@ स्वरचित एवम् मौलिक
प्रो डॉ दिवाकर दिनेश गौड़
गोधरा ( गुजरात)

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