हाइकु..
नारी की महिमा
नारी से ही है
पहचान जग में
महिमा जानें ।
कभी न टूटे
सरल कोमलता
लक्ष्मी महिमा ।
तीर्थ समान
समझे सब बात
सेवा क्यों नहीं ।
जीवन लीला
टूटे नही विश्वास
यही संस्कार ।
सर्व गुणों की
यह मात स्वरूपा
महिमा न्यारी ।
पूजा की थाली
यह बात निराली
मन को भाती ।
©®
रामबाबू शर्मा,राजस्थानी,दौसा(राज.)
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