अम्बिका झा जी द्वारा अद्वितीय रचना गणेश वंदना#

"गणेश वंदना"

खुशियां मनाऊं,नाचूँ मन में उमंग भर।
आज गणपती जी आए हमारे घर।

ऊंचा आसन सजाऊं घर को मंदिर बनाऊं
उनके चरणों में शीश नमाऊं।
आज़ गणपति उत्सव मनाऊं।।

पाट पितांबर रेशम की धोती
उनके लिए मंगवाऊं।।
घस घस चन्दन भरी रे कटोरी
केसर तिलक लगाऊं।।

लड्डू पेड़ा माखन मिश्री माखन
मोदक भोग लगाऊं।
आज गणपति जी को मनाऊं।


सोने की थाल कर्पूर आरती
आज़ मंगल गीत सुनाऊं।।


खुशियां मनाऊं,नाचूँ मन में उमंग भर।
आज गणपती जी आए हमारे घर।।"

                          अम्बिका झा

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