पिता का सहारा नहीं

मुक्तक 
पिता का सहारा नहीं आज याद उनकी जिंदा है |
देकर दुख कुछ पूत्र करते रिस्ते को शर्मिंदा है |
जितना दिया सुख पिता भरपाई होगी न कभी |
अपने जन्म दाता करता घायल कैसा परिंदा है | 
श्याम कुँवर भारती

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