पापा
हम कैसे अपने पापा के खुशियों और गमों का
अंदाज कैसे लगा सकते है ये कैसे मुमकिन है।
ऐसे ही जब चल दिये थे कमाने एक दिन घर से
जब वह काम करके लौटा तब उसे पता चला ।
मेहनत कितना कठिन होता है और पापा तो
हर रोज वो तो ऐसे ही मेहनत किया करते हैं ।
वो तो अपने गम को भी नहीं दिखा सकते है
उनकी खुशियां तो सिर्फ नाम का शब्द है।
मेरा सभी बेटे से अनुरोध है की जीते जी
कम से कम अपने पापा को कष्ट ना दें
उसे कोई भी तकलीफ ना दे ।
उनके कष्ट का पूरा तो अदा नहीं कर सकते पर
थोड़ी सी भी जरूर से अदा करना चाहिए।
क्योंकि हर बेटे का बाप तो हो जाता है
अगर बाप का वो बेटा नहीं हुआ तो
फिर वो कैसा बेटा है।
उनकी खुशियां तो तुम्हारी खुशियों में छुपा है
उनका गम भी तो तुम्हारे ही गमों में छुपा है।
उसे तकलीफ देकर खुद सोचो की तुम क्या
सही कर रहे हो बाप का मान और सम्मान करो।
अगर पापा है तो जिंदगी के कठिन रास्ते भी
आसान हो जाते हैं अगर पापा नहीं हो तो
आसान रास्ते भी कठिन हो जाते हैं।
हैप्पी फादर्स डे
©रूपक
0 टिप्पणियाँ