सावन की फुआरे

बंदलाव मंच 
शिर्षक 
सावन में आग - डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई
९९२०८९९२१४

सावन में लगी आग ...

सावन की बरसे , फुहारे
सावन की फुआरे ,उर में आग लगाए !!
तन को भिगोती , मन में  आग लगाए फुहारे !
नहा गई सारी धरा , खिल खिल गये सभी उपवन!!
कृषक ने अपना पसीना बहाया था !
खेतो को नये बीजो से सजााया था !!
आज सावन खुशियां लायाउसके द्वारे !
धरती की मिट गई सारी उष्णता शीतलता पाई !!
नयन स्नेह ज्योति से लहराये, प्रितम को देख शर्माए !
प्रेम का संदेशा ईशारो में बया हो जाए !!,
मन में मिलन की आस धधक रही !
मौसम हुआ आशिकाना सावन आग लगाए!!
सावन कुछ तो समझो , इतना न आग लगाओ ।
विरहीणी  हूं , पिया के इतंजार में तन मन जल रहां !
सावन बैरी हुआ , हवाऐं नशीली हो गई ,
बरस रही झरझर मोतियों की लडी!!
निराली हुई छटा बिजलियां चमचमाएं !
काली घटाएं उमड़ घुमड़ कर चटचटाएं !!
सावन ने बागो की डाली डाली को चहकायां
पुरवईया ने गौरी के तन मन को महकायां।।
तन खाए हिचकोले साजन सावन में आयेगे !
मन में फूल खिले प्रणय के तन में सावन आग लगायें !!
हिल मिल कर बैठेंगे बारिश में नहायेगें , झूला झूलेगे !
रात अंधेरी होगी , जुगनू चम चम चमकेगें ।
बूंदें सरगम छेड़ेगी , रुत मस्तानी होगी !
मन के आंगन में साजन की यादें लेगी अंगड़ाई !
सावन की फुआरे उर में आग लगाए , जिया भरमायें !!
सावन की फुआरे उर में आग लगाए !!
डॉ अलका पाण्डेय

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 अलका पाण्डेय
पिता का नाम-डा.शिव दत्त  शुक्ल
माता का नाम - ऋषिकुमारी शुक्ल
पति का नाम -देवेन्द्र पाण्डेय
जन्म तारीख़-7/10/
शिक्षा - बी  .ए
व्यवसाय - समाज सेविका और लेखिका
स्थाई पता -देविका रो हाऊस प्लांट न.७४ सेक्टर -१ कौपरखैरीन् नवि मुम्बई  ४००७०९
मो . न. 9920899214
E mail -alkapandey74@gmail.com
प्रकाशित पुस्तकें -दो
पत्र - पत्रिका ओ मे -मंगल दीप , नवभारत टाईम्स , मेरी सहेली , केरियर , आदि
साहित्यक संसथाओ से - ६
सम्मान - महिला गौरव रत्न ,हिरणी सम्मान , समाज भूषण सम्मान , इस तरह से पच्चीस से अधिक सम्मान मिले है
अलका पाण्डेय
घोषणा .
मौलिक रचना है मेरी स्वरचित अभी अभी
यह में घोषणा करती हूं !



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