बदलाव मंच साप्ताहिक प्रतियोगिता
विषय : काव्य कथात्मक रचना
विधा : काव्य
दिनांक : 23/06/2020
दिन : मंगलवार
शीर्षक: राजदुलारी
पापा की राजदुलारी है
वो प्यारी सी मैना है
उसका नाम नैना है
गुडियों संग वह सोती है
सपनों में वह खोती है
सपनों में परियां है आती
उसको सारे खेल खिलाती
एक दिन ऐसा भी आया
होनी ने क्या खेल दिखाया
पापा उसको छोड़ गये
सपनें सारे तोड़ गये
छोटी सी उम्र में वो बड़ी हुई
अपने पैरों पर खड़ी हुई
वक्त की वो मारी थी
पापा की राजदुलारी थी
विशाल चतुर्वेदी " उमेश "
जबलपुर मध्यप्रदेश
0 टिप्पणियाँ