यौवन के जागे भाग,
सुनो सखि!!!!!!!!
सावन में लग गई आग।।
बाट जोह रही आज पिया की,
रैन बैरिणी लागे।
दिल मे उठे हूक रह रह कर,
मन में लग रही आग।
यौवन के जागे भाग,
सुनो सखि!!!!!!!!
सावन में लग गई आग।
सुनिके आज सन्देश पिया का,
यौवन की आयी याद।
सोये ख्वाब जग गए फिर से,
बदन में लग गई आग।
यौवन के जागे भाग,
सुनो सखि!!!!!!!!
सावन में लग गई आग।
बिता दिन अब रेन है आयी,
लिए मिलन की आश।
तृप्त हुए तन मन मिलकर हैं
बुझ गयी मन की प्यास।
यौवन के जागे भाग,
सुनो सखि!!!!!!!!
सावन में लग गई आग।।
सुनीता यादव
सुनो सखि!!!!!!!!
सावन में लग गई आग।।
बाट जोह रही आज पिया की,
रैन बैरिणी लागे।
दिल मे उठे हूक रह रह कर,
मन में लग रही आग।
यौवन के जागे भाग,
सुनो सखि!!!!!!!!
सावन में लग गई आग।
सुनिके आज सन्देश पिया का,
यौवन की आयी याद।
सोये ख्वाब जग गए फिर से,
बदन में लग गई आग।
यौवन के जागे भाग,
सुनो सखि!!!!!!!!
सावन में लग गई आग।
बिता दिन अब रेन है आयी,
लिए मिलन की आश।
तृप्त हुए तन मन मिलकर हैं
बुझ गयी मन की प्यास।
यौवन के जागे भाग,
सुनो सखि!!!!!!!!
सावन में लग गई आग।।
सुनीता यादव
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