बरखा रानी

दिनांक:-16/06/2020 
वार :-मंगलवार  
विषय :- बरखा बहार आई

          बरखा रानी
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गरज  रहें   हैं काले - काले  बादल  ।
अब आओ बरसो  नी  बरखा  रानी ।।

नील - गगन में भी  बिजली  चमके  ।
रमक-झमक कर आओ बरखा रानी ।।

जम  कर  जब  बरसो  गी  खेतों  में   ।
कृषक का  मन खुश हो बरखा रानी ।।

तुम बरसोगी तो खेतों की प्यास बुझे  ।
धरती हरी -भरी हो जाए बरखा रानी ।।

ठंडी - ठंडी  बुंदे  सबके  मन हरखाए  ।
नाचे मोर - पंखेरु मस्त हों बरखा रानी ।।

तुम  ना  आओ  तो  सबके  मन तरसे  ।
उमड़-घुमड़ कर आओ नी बरखा रानी ।।

उमस  भरे  मौसम  मे  सब  जन तड़पे  ।
आंधी  के संग आ  जाओ  बरखा रानी ।।

ऐसे  बरसो भर जाए सब ताल - तलैया  ।
घनघोर - घटा बन छा बरसो बरखा रानी ।।

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मईनुदीन कोहरी " नाचीज बीकानेरी "
बीकानेर  राजस्थान
मौलिक/स्वरचित/अप्रकाशित
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