दहेज से उजड़ते घर


बदलाव मंच साप्ताहिक प्रतियोगिता
विषय-काव्यात्मक कथा
दिनांक *-25-06-2020* 
दिन - *गुरुवार* 
  विषय *मुक्त ,विधा -कविता* 
शीर्षक- *दहेज से उजड़ते घर।* 
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एक परिवार में हुई एक लड़की।
घर की हालात थी बड़ी कड़की।

जिस कारन चार बेटी
 के बाद भी हुई एक लड़की।
फिर क्या था उसकी माँ
 पर उसकी दादी भड़की।

बोली बहुत हुआ लड़का नही 
दिया तुमने इस घर को कम से कम एक।
अब तुम इसे मुझे दो माँग के उसने 
 दिया उसे कचरे के ढेर पे जा फेक।

बच्ची थी प्यारी सी तेज तेज रोने लगी।
वही से गुजर रही थी एक 
औरत देख उसमें ममता जगी।

वह आसपास आवाज लगाते हुए जोर जोर चिल्लाई ।
जब कोई नही मिला तो अपने घर ले आई।

उसके पास चार बेटा थे
 उसने उसको पाल लिया।
बच्चें छोटे छोटे थे फिर 
भी उसने सम्हाल लिया।

उसने लड़की को गीत नाम दिया।
उसने उसको अपने से बढकर प्यार किया।

लड़की जैसे जैसे हुई बड़ी।
सबसे तेज थी व लाडली बन पली बढ़ी।

पढ़ने में वह थी सबसे अव्वल।
सबको पता था उसका कल।

पढ़ने के बाद माँ उसकी शादी कराने की सोची।
उसके लिए एक अच्छा दूल्हा खोजी।

दूल्हे ने पैसे के लालच में दिया उसे दवाब।
भाई पैसे पे पैसे जमा करता रहा 
झेलता उसका रहा झूठा नवाब।

फिर एक दिन लड़के ने 
उसको दिया घर से भगा।
जानबूझकर दिया उसने
 अपने माँ बनने पत्नी को दगा।

फिर क्या दिल से टूट गई गीत।
किन्तु फिर भी चाहती थी जीत।

वापस आने पर उसके 
माँ भाई ने समझाया।
उसको पुलिस ऑफिसर की
 तैयारी करने पे ध्यान लगाया।

 गीत ने जी तोड़ मेहनत किया।
नए उमंग के साथ आशु को अंदर ही थाम।

 फिर एक दिन उसने कर दिखाई।
अपने नाम एक आगे उसने
 पुलिस ऑफिसर लगाई।

फिर क्या था एक दिन पुलिस आफ़िस में एक बृद्ध महिला आई। उसने कम्प्लेन लिखते समय उस महिला पुलिस पे नजर दोहराई।

देखते ही बिलख बिलख कर रोने लगी।
पूछने पे वह अपनी आपबीती कही।

बोली बेटी तुम मेरी ही सन्तान हो 
जिसे मेरे सास ने छीन के फेक दिया था।
मुझे मेरे नजरों में गिराकर ठेस लगा था।

उसे बिस्वास नही हुआ जाकर गीत ने 
अपनी माँ से आमना सामना कराया।
आखिर तब गीत को मसला समझ मे आ गया।

फिर उसने देश को दहेज मुक्त व
 सशक्त नारी बनाने का ठान लिया।

इस कहानी से आओ हम भी सिख ले।
आओ मिलकर अब नारी का सम्मान करें।

दहेजप्रथा को खत्म कर व
 रिश्ते मजबूत करने का काम करो।
देश बदलाव चाहता है चलो मिलके नारियों के लिए वरदान बनो।

देश तभी बढ़ेगा जब महिलाएं बढ़ेंगी।
तभी तो वो भी हमारे जिंदगी में योगदान करेंगीं।



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 *प्रकाश कुमार* 
जिला *-मधुबनी (बिहार )* 
मो0नं0- *9560205841* 
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