आखिर ऐसा क्यूँ ?

शीर्षक - आखिर ऐसा क्यूँ ?

सुशांत सिंह राजपूत भारतीय फिल्म जगत का एक प्रसिद्ध नाम। बल्कि यूं कहें कि हिन्दी फिल्मों का एक जाना-पहचाना प्रसिद्ध सितारा। आज अपने ही शयनकक्ष में आत्महत्या कर लेता है। मात्र चौतींस वर्ष की उम्र में। एक ऐसा सितारा जिसनें ना सिर्फ छोटे पर्दे पर बल्कि बड़े पर्दे पर भी अपने अभिनय का परचम लहराया था। एक से बढ़कर एक बड़ी और ख्यातिलब्ध फिल्मों में काम किया। अपनी सभी फिल्मों में अपने अभिनय से नाम कमाया। वैसे तो मैंने सुशांत सिंह राजपूत की। सभी फिल्मों को नहीं देखा। परन्तु उनकी कुछ फिल्मों को मैंने देखा है। जिसमें मुख्य है- (1) महेन्द्र सिंह धोनी एक अनकही कहानी (2) केदारनाथ (3) छिछोरे
छिछोरे एक ऐसी फिल्म जिसमें सुशांत सिंह राजपूत ने एक छात्रावास में रहने वाले मनचले कालेज छात्र से लेकर एक यंग पुत्र के जिम्मेदार पिता तक का किरदार निभाया है। अपने इस फिल्म में स्वयं सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या करने की कोशिश करनेवाले अपने पुत्र का मनोबल बढ़ाने का काम किया। इस फिल्म में उनके द्वारा बोले गये शब्दों को जिन्होंने भी सुना होगा। वो शक्स इस अप्रिय घटना को मानने के लिए कदापि तैयार नहीं होगा। परन्तु ये सत्य है कि अपनी फिल्म में आत्महत्या को गलत बताने वाले सुशांत सिंह राजपूत ने स्वयं यह गलत कदम उठा लिया। और इस दुनियाँ को छोड़कर परलोक को चले गये। यह संदेश जैसे ही टीवी पर आया इसे सुनकर मेरे होश उड़ गये। न जाने क्यूँ वो शक्स मुझे अपना सा लगने लगा। मेरा मन उदास हो गया। हृदय भीतर ही भीतर रोने लगा। ये लेख लिखते हुए मेरे हाथ कांप रहे हैं। मेरा मष्तिष्क मेरा साथ नहीं दे रहा है। अन्तर्मन बार बार यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि आखिर एक कामयाब व्यक्ति कामयाबी जिसके कदम चूम रही थी। जिसका खुशनुमा व्यवहार सबको अपनी तरफ आकर्षित किया करता था। आखिर वो ये दुनियाँ छोड़कर क्यूँ चला गया। जिस व्यक्ति को मैंने सिर्फ पर्दे पर देखा था। शायद आजीवन पर्दे पर ही देखता। उस व्यक्ति के लिए मेरे हृदय में इतनी पीड़ा क्यूँ हो रही है। आखिर क्या परेशानी थी उनकों क्यूँ जीवन को त्यागने पर मजबूर हो गये वो। क्या सुशांत जैसा खुशदिल इंसान भी आत्महत्या कर सकता है। या कुछ और कारण है। हजारों प्रश्न जेहन में घूम रहे हैं। परन्तु उत्तर किसी का नहीं है। अगर इन प्रश्नों का उत्तर कोई दे सकता है। तो वह स्वयं सुशांत सिंह राजपूत है। या फिर मुम्बई पुलिस। सुशांत सिंह राजपूत तो अब रहे नहीं उत्तर देने के लिए। अब मुम्बई पुलिस के उत्तर की प्रतीक्षा है। कि आखिर क्यूँ सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की। इसी प्रश्न के साथ अपने हृदय में पीड़ा लिए सुशांत सिंह राजपूत को भावभीनी श्रध्दांजलि देता हूँ। इश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि इश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। और उनके परिवार को ये असहनीय पीड़ा सहने की क्षमता प्रदान करें। ऊँ शांति ऊँ शांति ऊँ शांति

सुशांत सिंह राजपूत को अश्रुपूरित श्रध्दांजलि एक छोटी सी भेंट। 

एक उभरते हुए सितारे थे तुम।
सम्पूर्ण भारत को प्यारे थे तुम।
फिर ऐसी क्या बात हुई जो।
मौत को अपनाया तुमनें।
आखिर ऐसा क्या हुआ क्यूँ।
ऐसा कदम उठाया तुमनें।
क्या याद नहीं आये तुमको।
पिता तुम्हारे एक पल भी।
क्यों छोड़कर चलें गये तुम।
तन्हा और अकेला उनकों।
भविष्य तुम्हारा अच्छा था और।
तुम एक अच्छे अभिनेता थे।
फिर तुमनें ऐसा क्यूँ किया।
आखिर ऐसा क्यूँ?

अजय कुमार द्विवेदी
सोनिया विहार दिल्ली
8800677255

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