प्यार में धोखा

बदलाव मंच साप्ताहिक प्रतियोगिता 
विषय  : सावन में लग गई आग
विधा  : कविता
दिनांक  : 16/06/2020
दिन      : मंगलवार

शीर्षक: प्यार में धोखा

(  पद्य भाग)

मन मेरा खूब भरमाया था
सावन जो फिर से आया था।
खत उसका कल आया था
हाय! उसने मुझे बुलाया था।
दिल में मिलन की आग लगी
उसने  पानी बरसाया था।
मैं इक राही था प्रेम-पथ का
उसने गड्ढा खुदवाया था।
मैं बन ठन कर मिलने गया
उसने भाई से पिटवाया था।
अब चोटें अपनी सेक रहा हूँ
प्यार में धोखा खाया था।
जालिम सावन ने देखो
कीमा मेरा बनवाया था।

विनोद वर्मा 'दुर्गेश',
तोशाम, जिला भिवानी,
हरियाणा 

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