*नमन 'बदलाव मंच'*
बदलाव मंच चित्रात्मक काव्य सृजन सह विडियो काव्य
चित्र क्रमांक:-5
शीर्षक:-'ममतामयी माँ'
नाम:-रूपा व्यास
विषय:-चित्रात्मक वीडियो काव्य प्रतियोगिता
माँ होती है,ममतामयी।
हर वक्त उर में होती उसके बच्चों के प्रति उमंगें नयी।।
माँ सीता-सा रूप है।
कार्य उसके अनूप हैं।।
अन्नपूर्णा कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
सर्वगुणसम्पन्न माना जाए तो अन्योक्ति नहीं होगी।।
सुंदरता ममत्व का प्यारा है,संसार (मेरी माँ)।
हर कार्य अच्छे-से करो वरना सुनोगे भी ललकार।।
माँ जीवन संघर्ष में दुर्गा भी बन जाए हर बार।
ताकि उसकी संतान के जीवन में तम कभी न आए हर बार।।
सीख देती हैं,वो हरदम अच्छी।
लगती हैं,उसकी बातें सच्ची।।
सहायता,एकता,कभी न हारना,सीखाती है माता।
माँ, जननी,जन्मदात्री से इंसान बहुत कुछ पाता।।
*स्वरचित व मौलिक*
-धन्यवाद-
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