हमको कभी वह डांट सुनाएं ऐसी उनकी जज्बात नहीं
हम से पहले वह सो जाएं ऐसी कोई रात नहीं
उन पर लिखी हर एक रचना फीका लगने लगता है
शब्द उनकी व्यक्तित्व सुनाएं उतनी शब्दों की औकात नहीं
कवि =आदित्य सिंह कश्यप "कविराज"🙏
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