हम भारत के वीर सैनिक

मंच को नम
हम भारत के वीर सैनिक
हम रचते नव पृष्ठ दैनिक

 गाते  तिरंगे  का  ही  गान
हम  चलते  हैं  सीना  तान
राष्ट्र  भावना  जो भी रखते
रखते  हैं  हम  उनका मान 

हम  दोहराते  मंत्र वैदिक
हम भारत के वीर सैनिक

जब जब दुश्मन ने ललकारा
बढ़कर  उसका शीश  उतारा
मातृभूमि  पर  हम  बलिदान
न  घटने देंगे  वतन की  आन

हम न कार्य करें अनैतिक
हम भारत  के वीर सैनिक

रण  भूमि  ना  पीर दिखाते
गोली  सीने  पर  ही   खाते
महापुरुषों ने यही सिखाया
जीते   मरते  अपनी   शान

हम  ना रखतेमोह दैहिक
हम भारत के वीर सैनिक
---------------------------------
मैं घोषणा करता हूं कि यह रचना मौलिक स्वरचित है। 
भास्कर सिंह माणिक ,कोंच, जनपद -जालौन ,उत्तर -प्रदेश

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ