बेटियाँ ऐसी हो

बदलाव मंच साप्ताहिक प्रतियोगिता
विषय :- बेटियाँ ऐसी हो । :-
विधा :- लघुकथा
दिनांक :- 15/06/2020
दिन :- सोमवार


झोंझीकुमारपुर  में तनु , नेहा, पूजा, मुस्कान और वर्षा एक ही कक्षा में पढ़ने वाली पाँच सहेली रहती रही,सब के सब धनी पर तनु ग़रीब होते हुए भी मन से धनी, भले अपने खाती या न खाती पर अपने गाँव में दूसरे को भूखा नहीं रहने देती, सब तो ट्यूशन पढ़ती पर तनु नहीं , माँ सरस्वती की दया उस पर रही, एक समय ऐसा आया कि उनकी चारों सहेलीयाँ भी उसी से पढ़ने लगी, और कहती यार तू इस तरह समझाती हो क्या बताऊं,सब सहेलीयाँ दुर्गा पूजा में नई नई कपड़ा लेती , पर तनु अपनी पढ़ाकर कमाई हुई पैसों से ग़रीबों की राह रोशन करती,अपने गांव के आसपास के गांवों के ग़रीब बच्चों को मुफ़्त में पढ़ाती,एक दिन जब तनु बच्चों को पढ़ाती रही तभी नेहा आकर बोली बहन तुम पढ़ाती रहो, हम तुम्हारी व पढ़ते हुए बच्चों की फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर समाजसेवी नाम से डाल देंगे, फिर क्या तुम बहुत दूर तक चली जाओगी, इतने में तनु बोल उठी , न बहन हमें दूर तक नहीं जाना,एक ग़रीब का दर्द दूसरा ग़रीब ही जानते,छवि खींचाकर ग़रीबी का मज़ाक नहीं उड़ा सकती, अगर धनी होती तो अपने पैसों से कई विद्यालय खोल देती,पर नहीं हूं, पर मेरी जो भी ज्ञान है उसे तो बाँट ही सकती हूं। गर्व है हमें तनु जैसी बेटियाँ पर, हे ईश्वर हर कहीं तनु जैसी बेटियाँ हो ।।

® ✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716

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