वो हसीना सावन में

नमन मंच

बदलाव मंच साप्ताहिक प्रतियोगिता

विषय: सावन में लग गयी आग
विधा: कविता (हास्य)
दिनांक: 16/06/2020
दिन: मंगलवार

शीर्षक: वो हसीना सावन में

थी बारिश की घनघोर आग चहुओर
उसमे थी एक हसीना खेल रही बूंदो से
तभी एक कार ने उछाल दिया कीचड़
पूरा माहोल हो गया हास्य नुमा
देख के लगा सावन में लग गयी आग।

उसे देख कितने लोग बाग़ दौड़ पड़े 
क्या चाचा क्या फुफा क्या बूढ़े क्या बच्चे
पहले पहुंचने की होड़ लगी करने को सहायता
छोड़ सब कुछ अपना सारा भय और सामान
देख के लगा सावन में लग गयी आग।

किसी का बैग किसी का जूता छुट्टा
कोई पत्नी और कोई गर्लफ्रेंड छोड़ भागा
ये देख पत्नी ने चप्पल और गर्लफ्रेंड ने डंडा उठाया
पीछे भागे एक दूसरे के सभी केवल जरिए वो हसीना
देख के लगा सावन में लग गयी आग।

किसी को पड़े चप्पल और किसी को डंडा
कोई यहाँ गिरा और कोई वहा बचाने को अपने को
तभी एक कार आयी और बैठ गयी हसीना कार में 
सभी ताकते रह गए ना राम मिला न माया
देख के लगा सावन में लग गयी आग।

डा0 उमेश सिंह
जौनपुर, उत्तर प्रदेश

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