बदलाव मंच चित्रात्मक काव्य सृजन सह वीडियो काव्य
चित्र क्रमांक -5
शीर्षक - मेरी माँ
--------------------------
माँ कि आँख का तारा हूँ ।
माँ का राजदुलारा हूँ ॥
माँ ममता की खान है ।
जहान में सबसे महान है ॥
नन्हे हाथों का आलिंगन ।
माँ के प्यार का है बंधन ॥
माँ के हाथों का स्पर्श ।
देता मुझे स्वर्ग सा अर्श ॥
सारे दुखों को सहती है ।
पर कभी कुछ ना कहती है ॥
ईश्वर से पहले करता हूँ पूजा ।
माँ से बढ़कर कोई ना दूजा ॥
प्राणी जगत में उसका मान ।
ईश्वर भी करते जिसका गुणगान ॥
वसुन्धरा सी पावन है ।
माँ मेरी मनभावन है ॥
सर्वमौलिक अधिकार सुरक्षित
विशाल चतुर्वेदी " उमेश "
0 टिप्पणियाँ