जरा याद करो कुर्बानी

जरा याद करो कुर्बानी
-------------------
आज सारा देश कारगिल विजय की 21वीं सालगिरह मनाएगा और अपने जाँबाजों को श्रद्धासुमन अर्पित करेगा। 18 हजार फीट की ऊँचाई पर थे दुश्मन और इधर  ओट लेने को एक घास का तिनका तक नही , पहाड़ की सीधी चढ़ाई और माईनस डिग्री में तापमान,पर तमाम प्रतिकूल अवस्थाओं के वाबजूद नही डगमगाए हमारे रणबाँकुरों के कदम और उन्होंने पहाड़ पर उल्टी चढ़ाई और दुश्मनों के गोला बारूद का जबाब देते हुए ना शिर्फ दुश्मन का खात्मा किया बल्की कारगिल की चोटी पर तिरंगा को लहरा कर यह साबित कर दिया कि जो लोग सर पर कफ़न बाँध मातृभूमि की सेवा के लिए भारत माता की जय बोल कर निकल पड़ते हैं उनके लिए हर मुश्किल आसान है। आज भी जब उनकी वीरता की कहानी पढ़ता या सुनता हूँ तो रक्त में एक उबाल सी आती है , भुजाएँ फड़कने लगती है और रक्त अपना बलिदान देने को मचल उठता है। भारत माता के सच्चे सपूत को 💐श्रद्धासुमन  अर्पित करता हूँ ।
शहीदों के मजारों पर लगेंगे हरवर्ष मेले
वतन पर मिटने वालों की ये आखरी निशां होगी।
         सुजित संगम
         बाँका, बिहार

Badlavmanch

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ