नारी

जिससे   तुम्हारा   अस्तित्व   है   जिससे    है  प्राण ।
ओ  नादानों   क्यों   करते    हो   तुम  उन्हें  परेशान ।

यहीं  तो  यह  जहाँ, यह  संसार  को  रचने  वाली है ।
यहीं   दुर्गा ,  यहीं    लक्ष्मी , यहीं    अम्बे  काली  हैं ।

इनका   तुम  अपमान  नहीं  सदा  ही  सम्मान  करो ।
ज़रूरत  पड़े  तो  ये  जीवन   भी  तुम  कुर्बान करो ।

ये जान लो तुम ये नहीं रहीं तो ये जहान नहीं बचेगा ।
मकान  तो  बचेंगे  मगर  कोई  इंसान  नहीं   बचेगा ।

क्यों  की   नारी   ही  जीवन  का  खास  आधार  हैं ।
नारी  के  कारण   ही  ये  जगत  ये  सारा  संसार है ।
-संजय कुमार विश्वास
तिसरी, झारखंड

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