बदलाव मंच चित्रात्मक काव्य सृजन एवं वीडियो काव्य प्रतियोगिता
चित्र संख्या=5
शीर्षक =मांँ की ममता
नाम= पूजा सैनी
पता =नई दिल्ली
विषय =माँ
मांँ ने मुझे जन्म दिया है|
मांँ ने ही मुझे
इस दुनिया में लाया है|
माँ ने बचपन में
उंँगली पकड़कर
चलना मुझे सिखाया है|
मांँ खुद गीली जगह में
सो जाती थी|
और मुझे सूखी जगह
में सुलाती थी|
मांँ रात में लोरी गाकर
मीठी नींद बुलाती थी|
मांँ ने मुझे अपने
ममता के आंँचल
में संजोया है|
समझ नहीं थी मुझे
इस दुनिया की|
मांँ ने ही दुनियादारी
का ज्ञान मुझे
समझाया है|
माँ ही मेरी धड़कन|
माँ ही मेरा संसार है|
किसी ज्ञान को मैं
ना जानती हूंँ|
मैं तो अपनी मांँ
को ही संपूर्ण संसार
का ज्ञान मानती हूंँ|
माँ ही मेरे
घर की लक्ष्मी है|
माँ ही मेरे जीवन में
सरस्वती की वाणी है|
माँ ही सबसे न्यारी
और प्यारी है|
मेरे लिए माँ ही
सूरज का प्रकाश
और चांँद का उजाला है|
माँ ही मेरी कामना है|
और विश्वास है|
सुबह से लेकर
रात तक सारा
घर का काम
अकेले कर जाती है|
हर कष्टों को जो
मुझसे दूर भगाती है|
हर दुख दर्द को खुद
चुप रह कर
सह जाती है|
माँ ही मेरे लिए
सर्वप्रथम भगवान हैं|
मांँ के बिना अधूरा
मेरा प्यार है|
मुझे स्वर्ग देखने
की कामना नहीं है|
मैंने तो मांँ के
चरणो में ही स्वर्ग देखा है|
मैं भगवान से यही
प्रार्थना करती हूंँ|
मेरी मांँ जहांँ भी रहे
वही स्वर्ग बन जाए|
मेरी मांँ के जीवन
में कभी कष्ट ना आए|
मेरी उम्र भी मेरी
मांँ को लग जाए|
मेरी मांँ को जीवन में
सारी खुशियांँ मिल जाए|
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