विधा-मुक्त छंद
विषय-'महाकवि गोस्वामी तुलसीदास(बाल्यकाण्ड)*
*(मंगल भवन अमंगल हारी......... की तर्ज पर) *
हृदय में जिनके राम का वास,
रामबोला वो तुलसीदास ।
भक्तिकाल के कवि महान,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम सिया राम
जय जय राम।..... २
आत्माराम पिता, माता हुलसी
श्रावण सप्तमी जन्मे तुलसी।
जन्म समय 32 थे दाँत,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम.......... २
छवि देख पितु हुए भयभीता,
बालक अदभुत होत प्रतीता।
कद काठी नहीं शिशु समान,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम............. २
देख पुत्र मन अशंका जाने,
दासी संग तब दिए पठाने।
शोक में त्यागे माँ ने प्राण,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम........... २
दासी की मृत्यु के साथ,
हो गए तुलसी पुनः अनाथ।
दर-दर भटकें कोई न आस,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम............. २
शिव-गौरा ने दया दिखायी,
नरहरिदास से भेंट करायी।
शिक्षा दीन्हें नरहरिदास,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम........... २
बाल्यकाल की कथा सुनायी,
जिनके हृदय बसे रघुरायी।
रच गए जो रामचरित मानस ,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम सिया राम
जय जय राम।......... २
*रोशनी दीक्षित 'रित्री' बिलासपुर छत्तीसगढ़.... ✒️*
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