विधा-: गीत
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है अंधकार तुममे जब तक
दिन प्रतिदिन ये तब तक होगा ।
इतना बतला दे संसार मुझे
कब तक रावण का वध होगा ??
क्या भूल किया रावण ने जो ।
सीता का उसने हरण किया ।।
क्या था अधिकार भला उनको ।
जो भागनी का अपमान किया ।।
वह कपटी ना ही दुराचारी ।
फिर दोष मुक्त वह कब होगा ।।
इतना बतला दे संसार मुझे ।
कब तक रावण का वध होगा ??
माना सीता का हरण किया ।
पालन फिर भी हर नियम किया ।।
सीता की इच्छा के विरुद्ध ।
उसने ना सीता वरण किया ।।
कर ली थी प्रतिज्ञा रावण ने ।
खोटा ना चरित्र का कद होगा ।।
इतना बतला दे संसार मुझे ।
कब तक रावण का वध होगा ??
स्वरचित.....
शिवांगी मिश्रा
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