वह महान कैसे हैं
मेहनत किया वो हद से ज्यादा
गिरता था फिर चढ़ता था वो
समाज का मारा था वो
जिंदगी के दौर में
रुकना क्या होता है
यह सब जानता तक न था वो
लोग रोक रहे थे तब भी
कान बंद कर आगे बढ़ा था वो
खुद पर विश्वास कर
सीढ़ी चढ़ा था वो
संयम थी बहुत उसमें
नहीं तो कब के कब
सड़क पर पड़ा होता वो
जिद पर उतर गया था
लोगों के बुरे सोच को
तोड़ने लगा था वो
अपने हुनर को उजागर कर
सबको पछाड़ा था वो
खुद पर विश्वास था
इसलिए आज महान है वो।
✍🏼Ranjan Kumar
Badlavmanch
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