गुरु पूर्णिमा विशेष



नमन बदलाव मंच


नमन है मेरे गुरु को

इस दुनिया में आप ही हो
जो हमेशा मेरा भला चाहा है
मै आपसे बहुत आगे जाऊ
यही आपने अर्जी पाला है
चाहे हो वो मेरे माता पिता
या हो मेरे आदरणीय शिक्षक
वो हमेशा मेरे लिए, खुद को
त्याग करने का ठाना है
मै नमन करता हूं, अपने सभी गुरु को
जो आज हमको यहां लाए है।

जिंदगी का पहला गुरु है मम्मी पापा
आप ने ही मुझे चलना सिखाया
खराब रास्ते पर न जाऊ मै
आपने मुझे हर जगह थामा
आज फिर से नमन है ,मेरे मम्मी पापा को
जो आज मुझे इस काबिल बनाया

इस दुनिया में, कई लोग
हमको अलग अलग सीख देते
कोई लूट लेते तो कोई भीख देते
कोई गिरा देते तो कोई उठा लेते
कोई जिंदगी के इस दौर में
हमे हर मोड़ पर रास्ता दिखाते
तो कोई मालूम रास्ता से
हमे खूब भटकाते
ये भला या बुरा करने वाले लोग
हमको आगे के लिए सतर्क कर जाते
नमन है उनको भी
जो हमे अंगारों पर भी चलना सिखाते।

मेरे जीवन के कई गुरु है
मम्मी पापा, भाई, भतीजा
दीदी, दोस्त, शिक्षक आदि
ये सब जिंदगी का सूर
कोई न कोई रास्ते बता जाते हैं
ये कांटो पर भी चलने का
इसारे- इसारो में सीखा जाते हैं।

एक मेरे गणित के गुरु थे
जो बचपन से अंधे थे
ना जाने कैसे वो हमको
इतना बढ़िया से पढ़ा जाते थे
प्रश्न फसता जब हमसे तब
वो साधारण शिक्षक से तुरंत
उसको समझा देते थे
भगवान ही का रूप थे वो जो
हमें इतना अच्छा से निर्वाह करते थे।
नमन करता मुकेश सर मै आपका
कि आप हमें गणित जैसे विषय का रस
हमे बहुत बढ़िया से पिलाए।


रंजन कुमार,मुजफ्फरपुर बिहार

ranjankumar15102@gmail.com

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ