बदलाव साहित्य मंच
दिनांक--30-07-2020
दिन- गुरुवार
शीर्षक- यादगार
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★★स्वरचित रचना★★
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जीवन के विशेष दिन को,
यदी बनाना यादगार है|
पौधा एक लगा धरा पर,
पेड़ भी उसे बनाना है|
धरती देती सब कुछ रमेश,
हमें भी फर्ज निभाना हैं |
श्रृंगारित कर मां धरती को,
कुछ तो कर्ज चुकाना हैं |
शोशल मिडिया के संदेश,
शेयर कर खुशी मनाते हैं |
सपनों की दुनियां में खोकर,
सपनों से खुश हो जाते है |
शेयर किया पेड़ का फोटो,
नहीं बढाता हरियाली है |
जागो सपनों की तन्द्रा से,
काम यथार्त दिखलाना हैं |
करके काम अपने हाथों से,
नई पीढ़ी को दिखलाना हैं |
नई पीढ़ी को संग ले आपने,
संस्कार भी उनमें जगाना हैं|
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नाम-रमेश चंद्र भाटँ
पता-टाईप-4/61-सी,
अणुआशा कालोनी,
रावतभाटा।
मो.9413356728
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