अभियान गीत
संघर्षों के रस्ते से
तू जीत की नई परिभाषा लिख जा
न निराशाओं के ओढ़ बादल
मेहनत की तू बारिश कर जा
है कठिन यह रास्ते
पर चल तू लक्ष्य के वास्ते
सपनो के सागर से मन की तू गागर भर जा
यू गुमसुम बैठ न पगले
अब तू अपनी राह पकड़ ले
मन से जो तू हार गया
तो फिर सचमुच हार गया
न इंसान खुद को कहना
फिर तु जीवित लाश ही रहना
रचे गए इतिहास कितने
अब तेरी बारी है
बहाना न अब और बना
करना परीक्षा की तैयारी
उमंगे भर ले अपने अंदर
ले के अब इरादों का खंज़र
जीते तो सब है जीवन
पर तू जीवन को जीना सिखला जा
संघर्षों के रास्ते से
तु जीत की नई परिभाषा लिखा जा।
✍नेहा जैन
ललितपुर
0 टिप्पणियाँ