पिता है मेरे।

जो मेरे जिंदगी को जो जन्नत
 बनाते है वो पिता है मेरे।
जिंदगी के पग पग पे जो
 मेरे लिए अपना कंधा 
थमाते है वो पिता है मेरे।।

हर संकट को कैसे अवसर बनाना है।
अपने ज्ञान को कैसे आजमाना है।
जो ये सब बताते है वो मेरे पिता है।

जो अबतक बिना थके 
बिना रुके काम करते है।
मेरे अंदर चलने वाले द्वंद को
 समझते है वो मेरे पिता है।।

जो अपने पेट को खाली 
रख मेरा पेट भरते है
जो मेरे लिए हर मुश्किल से 
दो चार होते है वो मेरे पिता है।।

जिंदगी में कैसे अपना मुकाम बनाये।
कैसे बिन पैसों के मुस्कुराए 
ये सब तय कर जाते है।

कैसे अपने आप से जीतते है।
अपने बुराई के पुतले कैसे फूंकते है।
ये सब सिखाते है  जो मेरे पिता है।।

सब होते जिंदगी को
 कैसे आसान बनाये।
अपने व्यक्तित्व को
 कैसे चमकाये।।

जो देते है अच्छे संस्कार वो मेरे पिता है।
कैसे एकटक नजर रखते है।
जो उम्मीद भरे नजरो से देखते है।
वो मेरे पिता है।।

प्रकाश कुमार
मधुबनी, बिहार
9560205841

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