लालसा बा आज मोरे मनवा में अइती महावीर देवता। सियाराम जी देखवले रहनी र उरे त आपन सीनवा चीर देवता।।

🌾भोजपुरी हनुमत बंदना 🌾
*************************
लालसा बा आज मोरे मनवा में अइती महावीर देवता। 
सियाराम जी देखवले रहनी र उरे त आपन सीनवा चीर देवता।। 

राम जी की कारज में देरी ना लगवनी, 
लाघें के समुन्दर र उरे वीडा़ उठवनी। 
सिता जी के पतवा लगवनी त मरनी बहुते वीर देवता। 
सियाराम जी देखवले रहनि र उरे त आपन सीनवा चीर देवता।। 

लंकवा जराइ पोछी सागर में बुझवनी, 
सिता के अंगुठी राम लगे पहुँचवनी। 
खुश क इनी हरि के मनवा त हरी के अधीर देवता। 
सियाराम जी देखवले रहनी र उरे त आपन सीनवा चीर देवता।। 

दिहली बरदान सिता अमर हो ग इनी, 
भक्ति अजोर अजबे दुनियां में क इनी। 
जे जे सेवल राउर चरनीया त हरी लिहनी पीर देवता। 
सियाराम जी दूखवले रहनी र उरे त आपन सीनवा चीर देवता।  

आसरा में बानी आइ पारवा लगाइ 
मनवा में  ज्ञानवा के जोतिया जलाइ। 
"बाबूराम कवि "जोहे रहीया नयनवा ले नीर देवता। 
सियाराम जी देखवले रहनी र उरे त आपन सीनवा चीर देवता।। 

*************************
बाबूराम सिंह कवि 
बड़का खुटहाँ, वाजयीपुर, गोपालगंज (बिहार) 
मो0नं0-9572105032
*************************

On Sun, Jun 14, 2020, 2:30 PM Baburam Bhagat <baburambhagat1604@gmail.com> wrote:
🌾कुण्डलियाँ 🌾
*************************
                     1
पौधारोपण कीजिए, सब मिल हो तैयार। 
परदूषित पर्यावरण, होगा तभी सुधार।। 
होगा तभी सुधार, सुखी जन जीवन होगा ,
सुखमय हो संसार, प्यार संजीवन होगा ।
कहँ "बाबू कविराय "सरस उगे तरु कोपण, 
यथाशीघ्र जुट जायँ, करो सब पौधारोपण।
*************************   
                      2
गंगा, यमुना, सरस्वती, साफ रखें हर हाल। 
इनकी महिमा की कहीं, जग में नहीं मिसाल।। 
जग में नहीं मिसाल, ख्याल जन -जन ही रखना, 
निर्मल रखो सदैव, सु -फल सेवा का चखना। 
कहँ "बाबू कविराय "बिना सेवा नर नंगा, 
करती भव से पार, सदा ही सबको  गंगा। 
*************************
                       3
जग जीवन का है सदा, सत्य स्वच्छता सार। 
है अनुपम धन -अन्न का, सेवा दान अधार।। 
सेवा दान अधार, अजब गुणकारी जग में, 
वाणी बुध्दि विचार, शुध्द कर जीवन मग में। 
कहँ "बाबू कविराय "सुपथ पर हो मानव लग, 
निर्मल हो जलवायु, लगेगा अपना ही जग। 

*************************
बाबूराम सिंह कवि 
ग्राम -बड़का खुटहाँ, पोस्ट -विजयीपुर (भरपुरवा) 
जिला -गोपालगंज (बिहार) पिन -841508 मो0नं0-9572105032
*************************
मै बाबूराम सिंह कवि यह प्रमाणित करता हूँ कि यह रचना मौलिक व स्वरचित है। प्रतियोगिता में सम्मीलार्थ प्रेषित। 
          हरि स्मरण। 
*************************

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ