"क्रांति" गुरु जी



*नमन 'बदलाव मंच'*
*विधा-कथात्मक काव्य*
*शीर्षक-'क्रांति' गुरु जी*
*अवसर-'गुरु पूर्णिमा'*
*दिनांक-05-07-2020*

*'क्रांति' गुरु जी*(काव्य)

आप हैं, मेरे गुरु जी।
देते शिक्षा आप ही।।
'कुछ बड़ा काम करो'रूपा जी।
कहते हैं, आप सदा मुझसे ही।।

आप मेरे मार्गदर्शक हो।
पथ-प्रदर्शक आप ही मेरे हो।।
आप से ही है,मेरा साहित्य संसार।
लेख का ज्ञान दिया,आपने निराकार।।

जीवन में मेरे लाई आपने क्रांति ही।
नाम है,इसीलिए आपका 'दीपक क्रांति' जी।।
दीप-सी लौ, शिक्षा आप देते हो।
बदले में निरंतर साहित्य 'सृजन करो' कहते हो।।

जीवन-मूल्यों पर ध्यान रहता आपका जी।
'अच्छा करो और अच्छा करो'
देते शिक्षा आप हमें हमेशा ही।।
ईश्वर-सादृश्य गुरु ज्ञान आपसे ही।
परोपकार आप सदैव करते ही।।

आर.जे.,सर्वोत्तम संचालक,
लेखक,कवि,समीक्षक, मिमिक्री एक्टर आदि उपनामों से आपको सब जानते ही।
आदरणीय दीपक क्रांति जी है,आपका नाम ही।।
प्रतिभा की खान हैं, आप ही।।
शत-शत नमन 'गुरु पूर्णिमा'पर रूपा व्यास का आपको ही।।

नाम-रूपा व्यास
पता-'परमाणु नगरी'रावतभाटा,जिला-चित्तौडगढ़ (राजस्थान)
व्हाट्सएप न.9461287867
*स्वरचित व मौलिक*
-धन्यवाद-
🙏🌹🙏

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