कवयित्री शिक्षिका शालिनी कुमारी#बिहार #नारी है अनमोल

मंच को सादर नमन 🙏🙏
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     (कविता )
          "नारी है अनमोल"

नारी है अनमोल धरा पर
कब समझेगा तू इंसान..
नारी ही है वह जो तुझको
देती है जीवन का दान..

संघर्षों का रोज पुलिंदा
खड़ा रहता है जिसके द्वार
परंतु अपने सूझबूझ से
करती वो हर संघर्षों का समाधान

जीवन के हर कठिन रास्तों पर
बिना रुके वो चलती है..
कभी ना डिगे कर्मपथ से
मंजिल की ओर बढ़ती है..

ऐ इंसान...
समझ ना उसको अब तू अबला
क्योंकि... कदम मिलाना
बखूबी वो समझती है..

चाहे बात चांद की हो
या भरनी हो कोई उड़ान
सभी जगह परचम लहराती
दिखलाती एक अलग पहचान..

यदि पौराणिक बात करें हम
तो कई उदाहरण मिलते हैं
याज्ञवल्क्य गार्गी के प्रश्ननोत्तर से
जहां वृदारण्यक उपनिषद की ऋचाओं  का निर्माण हुआ..

वही मैत्रेयी जैसी विदुषी ने
अपनी सूझबूझ से..
नारी जाति का गौरव बढ़ाया..

नारी हैं ईश्वरीय रूप.. ऐ इंसान
ना करो अब इसे दागदार..
आओ मिलकर ये संकल्प करें
प्रकृति के इस अमूल्य धरोहर का
हम सब दें उचित सम्मान.. !!

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"शालिनी कुमारी "
शिक्षिका (प्रारंभिक विद्यालय )
मुज़फ़्फ़रपुर (bihar)

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