जागती आंखों ने देखे सपने
मेरी आंखों के ख्वाब
मुझे सोने नहीं देते,
दुनिया वाले तो मुझे
कभी हंसने नहीं देते
कभी रोने नहीं देते।
बन जाऊं चमकता सितारा
मैं बादलों की ओट में भी,
जागती आंखों ने देखे सपने
जो चमक खोने नहीं देते ।
जिद और जुनून है स्वयं की
अलग पहचान बनाने की,
कुछ कटु बातें हृदय की
चुभन कम होने नहीं देते ।
सारा आसमान मेरा है
और यह जमीं भी मेरी है ,
हौसलों की परवाज ऐसी है जो
उड़ान को दम खोने नहीं देता।
थामें धैर्य का दामन और
रखूं कर्मों में ईमान अपना,
मेरा ईश्वर सदा है साथ
अकेलापन होने नहीं देता।
चलूं जब मंजिल पाने को
शिखर पर साथ हो अपने ,
पूरे हो जाएंगे है विश्वास
मेरी जागती आंखों ने देखे सपने।
डॉ रजनी शर्मा चंदा
रांची,झारखंड
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