❤️अधूरे सपने,,❤️
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नैनों में नए सपने लेकर,
एक सुनहरा रंग भरूँगी।
अधूरा सपना पूरा करने का,
एक नया प्रारब्ध करूँगी।
जब से सृष्टि का सृजन हुआ,
माँ भारती का ही पूजन हुआ।
माता शारदे के कर कमलों की,
कृपा मैं उपलब्ध करूँगी।
पुष्प अर्पित कर माँ के चरणों मे,
मैं लेखन प्रारम्भ करूँगी।
आराधना माँ की करकें ही मैं,
जीवन का अवसान करूँगी।
बिद्या-ज्ञान तो मेरा जीवन है,
मैं तन-मन से सम्मान करूँगी।
मेरा पूरा होगा अधूरा सपना,
मैं बिद्या का दान करूँगी।
लक्ष्य एक है मेरे जीवन का,
मैं ज्ञान सरिता में स्नान करूँगी।
ज्ञान की लौ जलाकर मैं,
अज्ञानता दूर भगा दूँगी।
अपनें सुन्दर शब्दों के द्वारा हर,
दिल मे विचार नया जगा दूँगी।
जीवन में भटके राही को,
भी मैं सही राह दिखला दूँगी।
अपनें स्वच्छ विचारो से मैं,
जीवन में क्रांति ला दूँगी।
जन-मानस के हृदय-पटल पर
अपनी सुन्दर छवि बना दूँगी।
अधूरा सपना करके पूरा जीवन,
वीणा- पाणी की परिचर्या में लगा दूँगी।
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💐 समाप्त💐 स्वरचित और मौलिक💐
💐 सर्वाधिकार सुरक्षित💐
💐 लेखिका:-शशिलता पाण्डेय💐
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