❤️ दिल का दरवाजा,❤️
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दिल का दरवाजा खोल ले प्राणी,
खुली हवा को अंदर आने दे!
मनुज-जगत के सुन्दर मन को,
सौरभ- सुमन से महकाने दे!
अपनें संकीर्ण विचारों से पूरित,
मन की दुविधा दूर भगाने दे!
देख ले! खोल दिल के दरवाज़े,
धरती पर सुंदर स्वर्ग सजाने दे!
मिट्टी की इस नश्वर मूरत में,
जीवन का भाव जगाने दे!
खोल हृदय के पट रे प्राणी,
विचार सुन्दर भर जाने दे!
करके कोई उपक्रम अनूठा,
जगत में नाम कमाने दे!
निर्मल कर कलुषित मन को,
निज हृदय को बड़ा बनानें दे!
दिल के अपनें भीतर में ,
एक ईश्वर की छवि छुपाने दे!
दुखी- दरिद्र की करकें सेवा,
मानव-तन को सफल बनानें दे!
अपनें ओछे विचारों से ऊपर उठ,
प्रेम-धारा दिल मे उमड़ने दे!
जीवन के कुछ निश्चित क्षण को,
मानवता की खुशबू से भरने दे!
जन्म-जन्म की मैली चादर से,
गहरे- काले दाग निकलने दे!
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💐 समाप्त💐
स्वरचित और मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
कवयित्री:-शशिलता पाण्डेय
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