रक्षाबंधन
सावन का पावन त्यौहार
भाई पर बहन जाए वार
रोली अक्षत थाल लिए
रक्षाबंधन आया प्यार लिए।
बहन भाई का प्यार पले
संस्कृति संस्कार अनूठी गढे
रेशमी डोरी में बंधे रिश्ते
खुशियों से आंगन खिलते।
पूनम श्रावण मास का दिन
आखिरी
हुई शुभ दिन प्रथा यह जारी
दूर हो, या हो पास भाई
हर बहना को याद आई।
इस दिन को तरसे बहना
भाई का माने हर कहना
रेशमी डोरी से सजे त्यौहार भाई-बहन का अनूठा प्यार।
कृष्णा ने भाई का धर्म निभाया द्रोपती को विपत्ति से बचाया हुमायूं ने राखी बन्ध वायी
कर्णावती,भाई-बहन की सधी।
लाए उमंग उत्साह की बौछार
बहना को तोहफे का इंतजार
किस्मत से मिलता है प्यार भाई-बहन का अनुपम उपहार।
युगो से परंपरा है आई
ईश्वर ने भी प्रीत निभाई
निर्मल मन से रखें त्यौहार
शुद्ध आत्मा पवित्र भाव।
भाई बहन की किलकारी गूंजे
घर आंगन में खुशियां झूमे
प्रेम त्याग का रक्षा सूत्र
बांधने बंधने से होती आत्मा तृप्त।
प्रभु ने ऐसी रचना बनाई
भाई-बहन की दुनिया सजाई
बना रहे सदैव प्रेम का नाता है
यह त्यौहार बहुत है सुहाता।
माधवी गणवीर
राष्ट्रपति पुरुस्कृत शिक्षिका
जिला - राजनादगांव
7999795542
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