कवयित्री नीलम डिमरी जी द्वारा 'प्रभु तुम कण-कण में हो' विषय पर सुंदर रचना

नमन वीणा वादिनी
दिनांक--27/08/2020
दिवस__ गुरुवार
विषय--प्रभु तुम कण-कण में हो
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 प्रभु तुम कण-कण में हो,
 प्रभु तुम हर कीर्तन में हो,
 मेरे घर में आओ प्रभु तुम, 
सबके अब तन मन में हो।

 कृष्ण की बंसी में तुम,
 राधा की चुनरी में तुम, 
हिम पर बसते जो शिवा, 
 सती कि वह धुन में हो तुम। 
जग जग का कल्याण अब,
 हर जगह भगवन हो,
 मेरे घर में आओ प्रभु तुम,
 सबके अब तन मन में हो।

 बजरंगी की धुन में तुम हो, 
रामजी के तन में तुम हो,
 जानकी मैया करे जो कीर्तन,
और लक्ष्मी का धन भी तुम हो,
 संत की कृपा है भगवान।
 अब तुम मन के मंदिर में हो,
 मेरे घर में आओ  प्रभु तुम, 
अब सबके तन मन में हो।।


   रचनाकार-- नीलम डिमरी
     चमोली,,, उत्तराखंड

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